22 तारीख को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम क्यों हुआ, इस रहस्य की गहराईयों में जाइए।
"मित्रों, वर्तमान में अयोध्या में एक उत्कृष्टता से भरा कार्यक्रम चल रहा है, और इसी दौरान अचानक अयोध्या नगर में गिद्धों का झुंड प्रकट होता है। साथ ही, मकर संक्रांति से पहले ही एक रहस्यमय संगति के रूप में सैकड़ों नागों का एक भीड़ अचानक अयोध्या पहुंचता है। इस दृश्य को देखकर दुनिया पूरी तरह से हैरान हो जाती है, क्योंकि क्या यह एक आश्चर्य है या कोई अन्य रहस्य है, यह जानना है। आज के आर्टिकल में, हम इस बड़े समाचार की विवरणात्मक जानकारी प्राप्त करेंगे, जो अचानक अयोध्या पहुंचे सैकड़ों नागों के बारे में है। इस समाचार को विस्तार से चर्चा करते हैं।
22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम क्यों?
दोस्तों, 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण है। आपने शायद यह सवाल किया है कि इस तारीख को क्यों चुना गया है, और क्यों 22 जनवरी को ही? यहां एक रहस्यमय तथ्य है कि भगवान श्री राम जी का जन्म अभिजीत मुहूर्त में हुआ था। 22 जनवरी को सोमवार के दिन मृगशिश नक्षत्र में अभिजीत मुहूर्त का विशेष साथी है। इसलिए इस तिथि को रामलला की प्रतिष्ठा के लिए चयन किया गया है। इसके अलावा, इस दिन को प्राण प्रतिष्ठा होने से भगवान श्री राम जी की मूर्ति में सदैव उपस्थित रहेगी।
अचानक अयोध्या में सैकड़ों नागों का झुंड!
22 जनवरी को सोमवार के दिन, अयोध्या के भव्य मंदिर में श्री राम जी प्रवेश करेंगे। पहले ही यहां रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने वाला है, लेकिन इससे पहले ही भिन्न-भिन्न जातियों के नागों का एक झुंड देखने को मिला। यह एक चिंता का विषय है कि क्या गिद्ध और भालु श्री राम जी से संबंधित हैं, जिन्होंने भगवान श्री राम जी की सहायता की थी, लेकिन यह अज्ञात है कि इन नागों का राम जी के साथ कैसा संबंध है और उनकी भूमिका क्या है।